चिंता मुक्ति मंत्र
अर्थ – घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, कोध्र, मोह, माया और मद से दूर होकर आनद और प्रेम से भगवान् का धयान करे, अपने दुश्मनो पर विजय प्राप्त करे, कष्टों और अपने दुखो से मुक्ति पाए.
चिंता मुक्ति मंत्र
अर्थ – घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, कोध्र, मोह, माया और मद से दूर होकर आनद और प्रेम से भगवान् का धयान करे, अपने दुश्मनो पर विजय प्राप्त करे, कष्टों और अपने दुखो से मुक्ति पाए.