24Jun

Shri Satyanarayan Bhagwan Aarti- श्री सत्यनारायणजी की आरती

जय लक्ष्मी रमणा स्वामी श्री लक्ष्मी रमणा
सत्यनारायण स्वामी सत्यनारायण स्वामी
जन पातक हरणा ॐ जय लक्ष्मी रमणा

रतन जड़ित सिंहासन
अदभुत छवि राजे
स्वामी अदभुत छवि राजे
नारद करत नीराजन

नारद करत नीराजन
घंटा वन बाजे
ॐ जय लक्ष्मी रमणा

प्रकट भए कलिकारण
द्विज को दरस दियो स्वामी द्विज को दरस दियो
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर बूढ़ा ब्राह्मण बनकर
कंचन महल कियो ॐ जय लक्ष्मी रमणा

दुर्बल भील कुठारी
जिन पर कृपा करी स्वामी जिन पर कृपा करी
चंद्रचूड़ एक राजा चंद्रचूड़ एक राजा
तिनकी विपत्ति हरि ॐ जय लक्ष्मी रमणा

वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दीन्ही
स्वामी श्रद्धा तज दीन्ही
सो फल भाग्यो प्रभुजी सो फल भाग्यो
प्रभुजी फिर अस्तुति किन्ही ॐ जय लक्ष्मी रमणा

भाव भक्ति के कारण छिन-छिन रूप धरयो
स्वामी छिन-छिन रूप धरयो
श्रद्धा धारण किनी श्रद्धा धारण किनी
तिनके काज सरयो ॐ जय लक्ष्मी रमणा

ग्वाल-बाल संग राजा
बन में भक्ति करी स्वामी बन में भक्ति करी
मनवांछित फल दीन्हो मनवांछित फल दीन्हो
दीन दयालु हरि ॐ जय लक्ष्मी रमणा

चढत प्रसाद सवायो
कदली फल मेवा स्वामी कदली फल मेवा
धूप-दीप-तुलसी से धूप-दीप-तुलसी से राजी सत्यदेवा
ॐ जय लक्ष्मी रमणा

सत्यनारायणजी की आरती जो कोई नर गावै
स्वामी जो कोई नर गावै
तन मन सुख संपती तन मन सुख संपती
मनवांछित फल पावे ॐ जय लक्ष्मी रमणा

जय लक्ष्मी रमणा स्वामी श्री लक्ष्मी रमणा
सत्यनारायण स्वामी सत्यनारायण स्वामी
जन पातक हरणा
ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॐ जय लक्ष्मी रमणा ॐ जय लक्ष्मी रमणा

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