Ganesh Vandana – गणेश वंदना
गणेश वंदना :
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगद्विताय
नागाननाय श्रुतियज्ञ विभूषिताय
गौरी सुताय नमस्तुभ्यं सततं मोदक प्रिय।
लम्बोदरं नमस्तुभ्यं सततं मोदक प्रिय।
निर्विघ्नं कुरुमेदेव, सर्व कार्येषु सर्वदा।
विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले, वर देने वाले सुर अर्ताथ देवताओ के प्रिय लम्बोतर अर्ताथ उनका उदार बढ़ा है जगत के पिता और पार्वती के पुत्र को में नमस्कार करता हु। जिनको लड्डू अति प्रिय है तथा गणेश जी हमारे भगवान् सभी विघ्न बाधाओं को दूर करे। इस मंत्र का जाप करने से गणेश जी भगवन सदा पर्सन रहते है और सभी विघ्न बाधाओं को दूर करके व्यक्ति के सारे मनोरथ पुरे करते है।