Shiv Stuti – शिव स्तुति
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् ।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ॥
भगवान शिव का यह मंत्र कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् । सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि ॥ अर्थात : जो कर्पूरव जैसे गौरव वरण वाले है। करुणा के अवतार है संसार के सार है और भुजंगो का हार धारण करते है। वे भगवन शिव माता भवानी सहित मेरे हृदय में सदैव निवास रहेंगे। और उन्हें मेरा नमन है। भगवान शिव के इस मंत्र में अत्यंत चमत्कारी शक्तिया विद्वान् है। अतः प्रत्येक शिव भगत को प्रत्यकाल इस मंत्र का ध्यान करते वक़्त इस मंत्र का जप अवशय करना चाहिए , वैसे तो इस मंत्र को 108 बार करना अत्यंत लाफकारी होता है। यदि 21, 51 या 11 बार भी इस मंत्र का जाप किया जाये तो भी ये भक्त को अत्यंत फल देता है।
सभी मनोकामनाएं पूरी करे व मृत्यु का भय से मुक्ति || Shiv Stuti_कर्पूर गौरम करुणावतारम _ Shiv Mantra