15Feb

कृष्ण मंत्र – Krishna Mantra

कृष्णा मंत्र – Krishna Mantra

ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम: ||

यह मंत्र जीवन में किसी भी प्रकार के संकट को पास फटकने नहीं देगा। ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥ प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥ … जब कभी भी व्यक्ति को आकस्मिक संकट का सामना करना पड़ता है तो तुरंत ही पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ उक्त मंत्र का जाप कर संकट से मुक्ति पाई जा सकती है।

Krishna Mantra | ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने | सफलता के लिए कृष्ण मंत्र | 108 बार जपे | गृह क्लेश निवारण मंत्र

15Feb

महालक्ष्मी मंत्र – Maha Lakshmi Mantra

महालक्ष्मी मंत्र – Maha Lakshmi Mantra

ओम मांँ लक्ष्मी नमो नमः

ओम विष्णु पिरयायही नमोः नमः

ओम धनपरदायही नमोः नमः

ओम विश्वजनीनय नमोः नमः

महलक्ष्मी का बीज मंत्र धन-वैभव की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास है।

Maha Lakshmi Mantra 108 Times
Om Maha Lakshmi Namo Namah
लक्ष्मी धनप्राप्ति मंत्र
Laxmi Beej Mantra एक माला का जाप करें प्रतिदिन व्यापार वृद्धि

15Feb

शिव गायत्री मंत्र – Shiv Gayatri Mantra

शिव गायत्री मंत्र – Shiv Gayatri Mantra

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात

Shiva Gayatri Mantra – ‘Om Tatpurushaya Vidmahe Mahadevaya Dhimahi Tanno Rudrah Prachodayat’

यह शिव गायत्री मंत्र है जिसका जाप करने से मनुष्य का कल्याण संभव है इस मंत्र का जाप करने से समस्त पापो का नास हो जाता है। गंभीर बीमारियों से मुक्ति के लिए शिव गायत्री मंत्र का प्रतिदिन एक माला जाप जरूर करे।

गंभीर बीमारियों से मुक्ति के लिए शिव गायत्री मंत्र का जाप करें

Shiv Gayatri Mantra with Lyrics

कठिन समय में बिगड़े काम बनाए | शिव गायत्री मंत्र

15Feb

महा गायत्री मंत्र – Gayatri Mantra

GAYATRI MANTRA – गायत्री मंत्र

‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो न: प्रचोदयात्।

अर्थ: हम ईश्वर की महिमा का ध्यान करते हैं, जिसने इस संसार को उत्पन्न किया है, जो पूजनीय है,
जो ज्ञान का भंडार है, जो पापों तथा अज्ञान की दूर करने वाला हैं- वह हमें प्रकाश दिखाए और
हमें सत्य पथ पर ले जाए।

महा गायत्री मंत्र 108 | कठिन कामों में सफलता, विघ्नों का नाश व बुद्धि की वृद्धि || महा गायत्री मंत्र_ Gayatri Mantra

15Feb

{ॐ नमः शिवाय } – Om Namah Shivaya

चिंता मुक्ति मंत्र

अर्थ – घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, कोध्र, मोह, माया और मद से दूर होकर आनद और प्रेम से भगवान् का धयान करे, अपने दुश्मनो पर विजय प्राप्त करे, कष्टों और अपने दुखो से मुक्ति पाए.

ॐ नमः शिवाय
चिंता मुक्ति मंत्र | Peaceful Om Namah Shivaya Mantra {ॐ नमः शिवाय } सुख की पूर्ण अनुभूति
12Feb

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे – Maha Mrityunjaya Mantra

Maha Mrityunjaya Mantra

इस मंत्र का जाप करने से बढ़ी से बढ़ी बाधाएं दूर हो जाती है स्वास्थ्य से सम्बाथित समस्यो से छुटकारा मिलता है,
अकाल मृत्यु को टालती है, पुत्र की प्राप्ति के लिए

भयंकर रोग व मृत्यु के भय से मुक्ति | स्वास्थ्य से सम्बाथित समस्यो से छुटकारा

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

12Feb

Ganesh Mantra:- गणेश मंत्र

Ganesh Mantra:- गणेश मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

ॐ गण गणपतये नमः
सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मौर्य
मंगल मूर्ति मौर्य

 

(किसी भी प्रकार के कार्य प्रारंभ करने के पूर्व श्री गणेश जी का स्मरण इस मंत्र के साथ अवश्य करना चाहिए, आपके शुभकार्य निश्चित ही सिद्ध होंगे)

इस मंत्र को जपने से बुद्धि विकसित व ज्ञान की प्राप्ति

12Feb

आरती साई बाबा – Aarti Sai Baba

आरती साई बाबा 

आरती साई बाबा | सौख्यदातार जीवा. चरनरजातलि |

द्यावा दासा विसावा | भक्ता विसावा || आरती साई बाबा ||

 

जाणुनिया अनंग | सस्वरुपी राहे दंग |

मुमुक्षुजन दावी | निज डोळा श्रीरंग || १ || आरती…||

 

जया मनी जैसा भाव | तयातैसा अनुभव |

दाविसी दयाघना | ऐसी तूझी ही माव तुझी ही माव ||

तुमचे नाम ध्याता | हरे संस्क्रुतिव्यथा |

अगाध तव कारणी। मार्ग दाविसी अनाथा , दाविसी अनाथा ॥

 

कलियुगी अवतार। सगुण परब्रह्म साचार।

अवतीर्ण झालासे। स्वामी दत्त दिगंबर दत्त दिगंबर |

 

आठां दिवसा गुरुवारी। भक्त करिती वारी।

प्रभुपद पहावया। भवभय निवारी , भय निवारी॥

 

माझा निजद्रव्य ठेवा। तव चरणरजसेवा।

मागणे हेची आता। तुम्हां देवाधिदेवा , देवाधिदेवा॥ ६ ॥ आरती… ॥

 

इच्छित दीन चातक। निर्मल तोय निजसुख।

पाजावें माधव या। सांभाळ आपुली भाक , आपुली भाक॥ ७ ॥ आरती… ॥

 

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12Feb

ॐ जय जगदीश हरे आरती – Om Jai Jagdish Hare

ॐ जय जगदीश हरे आरती

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

29Jun

संतोषी माता की आरती – Santoshi Mata Aarti

संतोषी माता की आरती

जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।
मैया जय सन्तोषी माता ।

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो
मैया माँ धारण कींहो
हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो
मैया जय सन्तोषी माता ।

गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे
मैया बदन कमल सोहे
मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे
मैया जय सन्तोषी माता ।

स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे
मैया चँवर डुले प्यारे
धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे
मैया जय सन्तोषी माता ।
गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो
मैया ता में सन्तोष कियो
संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो
मैया जय सन्तोषी माता ।

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही,
मैया आज दिवस सो ही
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही
मैया जय सन्तोषी माता ।

मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई
मैया मंगल ध्वनि छाई
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई
मैया जय सन्तोषी माता ।

भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै
मैया अंगीकृत कीजै
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै
मैया जय सन्तोषी माता ।

दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये
मैया संकट मुक्त किये
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये
मैया जय सन्तोषी माता ।

ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो
मनवाँछित फल पायो
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो
मैया जय सन्तोषी माता ।

चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे
मैया रखियो जगदम्बे
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे
मैया जय सन्तोषी माता ।

सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे
मैया जो कोई जन गावे
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे
मैया जय सन्तोषी माता ।

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